Saturday, January 24, 2015

कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

ख्वाब को मेरे पूरा कर माँ करता हूँ नमन 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन 

सबका ज्ञान तू मुझको दे, ले अपनी माँ शरण
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन
हास्य व्यंग्य,श्रंगार,ओझ,गीत,ग़ज़ल या मुक्तक हो 
हरफन मौला मैं कहलाऊँ,हर कोई नतमस्तक हो 
हँसकर कर ताली पीट के श्रोता हो जाएँ मगन 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

हर घंटे की बुकिंग रहे तू, ऐसा दे वरदान 
बिना पढ़े ही घर पहुंचे कभी पैसे का अनुदान 
मेरे बिन ना पूरा हो कोई भी आयोजन 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

दुनिया भर के लोग काव्य के ही दीवाने हो जाएँ 
शादी,मईयत,जन्मदिन पर कवि सम्मलेन करवाएं 
चलता रहे ये धंधा अपना हो जाऊं संपन्न 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

छोटे-मोटे आयोजन अब मुझको नहीं सुहाते हैं 
लन्दन पेरिस जाने के अब हर दिन सपने आते हैं 
ओबामा को सुना के आऊँ ,कहता है ये मन 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

तुलसी,मीरा,सूरदास भी मेरे आगे फीके हों 
चेले मेरे शर्मा,नीरज,चक्रधर से सरीखे हों 
तब जाकर ये सफल मेरा सादा सा जीवन 
कहलाऊं मैं दुनिया के कवियों में नंबर वन

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