Sunday, May 25, 2014

स्वकेंद्र की रेल

10 साल पहले इस कविता ने मुझे एक नई पहचान दी ,बड़ा हंगामा किया ,आज यूँही यूं पी बोर्ड के रिजल्ट पर याद आ गई। … आपको भी मज़ा आएगी

यहाँ स्वकेंद्र की रेल है
पैसेंजर नहीं मेल है
पास होने की बात  करे क्या
मेरिट भी अब खेल है
यहाँ स्वकेंद्र की रेल है
केवल फॉर्म भरना है
आगे कुछ न करना है
सेशन भर आराम करो
टेंशन फ्री एग्जाम करो
होता कोई न फेल है
यहाँ स्वकेंद्र की रेल है
जिनका कई साल लॉस हुआ
इसबार वो फर्स्ट क्लास हुआ
टीचर का हिसाब करो
पूरी नक़ल किताब करो
नक़ल की झेलम झेल है
यहाँ स्वकेंद्र की रेल है
सुविधा और ईनाम भी हैं
फ़र्ज़ी नाम तमाम भी हैं
मन की पूरी आस हुई
माँ बेटी संग पास हुई
मार्कशीट की सेल है
यहाँ स्वकेंद्र की रेल है
डिग्री बेरोज़गारी है
जॉब की मारामारी है
सरकार भी सरकारी है
ये यूं पी की लाचारी है
अब उनके हाथ नकेल है
यहाँ स्वकेंद्र की रेल है

2 comments:

  1. Ab UP me yogi ka khel hai
    Aur Swa-Kendra me Modi ki Rail hai
    .... Dron

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  2. Ab UP me yogi ka khel hai
    Aur Swa-Kendra me Modi ki Rail hai
    .... Dron

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